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Tuesday, 23 January 2018

Brahmos A Supersonic Cruise Missile

Brahamos


Posted By: 🕴Bharat Singh |🏷In:internet,Indian Army Info online |⌚Last Update: 24 -01-2018



ब्रह्मोस भारत की सुपरसोनिक क्रुइज़ मिसाइल है.इसे  जमीन से ,हवा से ,पंडुप्पी से तथा युध्भूत कही से भी दागा जा सकता है। और इसकी मारक क्षमता 290 किलोमीटर है। इसको रूस के NPO mashinostroyenia और भारत के रक्षा अनुशंधान एव विकास संघठन  (DRDO) ने सयुंक्त  रूप से  इसका विकास किया है। 

यह रूस की P-800 ओकिन्स क्रूज मिसाइल की प्रोधोगिकी पर आधारित है। ब्रह्मोस के समुंद्री तथा थल संस्करणों का पहला ही सफलतापूर्वक परिक्षड़ किया जा चूका है। 

ब्रह्मोस भारत और रूस के द्वारा विकशित की गयी अब तक की सबसे आधुनिक मिसाइल है। और इसने भारत को मिसाइल तकनिकी मैं सबसे अग्रणी देस बना दिया है। 

Brahmos का परिचय 


ब्रह्मोस एक सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल है। क्रूज मिसाइल उसे कहते है। जो काम उचाई पर उड़ान भरती है। और इसी तरह से रेडर की आँख से बच जाती है। ब्रह्मोस की विशेषता यह है की इसे जमीन से हवा से पंडुप्पी से तथा समुद्र किसी भी जगह से दागा जा सकता है। और इतना ही नहीं इस मिसाइल को पारम्परिक प्रक्षेपक के अलावा वर्टिकल प्रक्षेपक से भी दागा जा सकता है। ब्रह्मोस नाम भारत की ब्रह्पुत्र नदी और रूस की मास्को नदी से मिला है। 

ब्रह्मोस का विकास ब्रह्मोस कारपोरेशन किया जा रहा है। यह कंपनी भारत की DRDO और रूस की NPO मशीनोस्ट्रोएनिसिअ का सयुक्त उपक्रम है। रूस इस परियोजना मैं मिसाइल तकनीक उपलब्ध करवा रहा है। और उड़ान के दौरान दिशा बदलने की क्षमता भारत दयारा विकशित की गयी है। 

मिसाइल तकनीक मैं दुनिया का कोई भी मिसाइल तेज़ी से अक्रमण के मामले ब्रह्मोस से बराबरी नहीं कर सकता। इसी कारण इसे दुनिया का सबसे तेज़ मारक मिसाइल बनाती है। यहाँ तक अमेरिका का की टॉम हॉक मिसाइल भी इसके आगे फिसड्डी साबित होती है। 


मेनुवरेबल तकनीक 

मेनुवरेबल तकनीक यानी दागे जाने के बाद अपना रास्ता बदल ले। उदाहरड़ के तोर पे अगर किसी टैंक से  निशाना साधा जाता है। तो वे वही जाके लगता है।  जहा उसे साधा गया हो। इसी मैं यह तकनीक काम आती है। ब्रह्मोस एक मेनुवरेबल मिसाइल है। अगर लक्ष्य अपना निशाना बदल ले तो ये मिसाइल भी अपना रास्ता बदल लेती है। 

ब्रह्मोस की विशेताएं 


यह हवा मैं ही मार्ग बदल सकती है। और चलते फिरते लक्षय को भी भेद सकती है।

. इसको वर्टिकल या सीधे किसीभी प्रक्षेपक से दागा जा सकता है। 

. यह मिसाइल तकनीक थल सेना ,वायु सेना ,जल सेना ,कही भी काम आ सकती है। 

. और इस मिसाइल की मारक क्षमता 290 किलोमीटर है। 

. ब्रह्मोस 3000 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ़्तार से निशाने को साधती है। 

. यह 10 मीटर उची उड़ान भरती है। और रेडर के पकड़ मैं भी नहीं आती। 


भविष्ये की योजना 

ब्रह्मोस कॉर्प। अगले 10 साल के भीतर 2000 ब्रह्मोस मिसाइल बनाएगा। इसे रूस लिए गए सुखोई फाइटर प्लेन मैं लगाया जाएगा। ब्रह्मोस एक सुपरसोनिक मिसाइल लेकिन भविष्ये मैं।

 ब्रह्मोस-2  नाम की हाइपरसोनिक मिसाइल भी बनायी जायेगी। जिसकी रफ़्तार 7 मेक तक होगी। यह मिसाइल 6000 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ़्तार से लक्ष्य को साधेगी। और इसकी मारक क्षमता  290 किलोमीटर तक होगी। 

भारत अपनी स्वेदेशी  सबसैनिक मिसाइल निर्भय भी बना रहा है। ब्रह्मोस 2 करीब 6000 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ़्तार के साथ 290 किलोमीटर दूर लक्ष्य भेद सकेगी।

लेकिन इससे अधिक दुरी की मारक क्षमता वाली मिसाइल का निर्माण कर पाना रूस के साथ संभव नहीं है। क्युकी रूस एक अंतरास्ट्रीय मिसाइल तकनिकी नियंत्रण संधि (MTCR)का हस्ताक्षरकर्ता है। वह 300 किलोमीटर से अधिग दूर वाली मिसाइल का निर्माण अन्य देसो के लिए मदद नहीं दे सकता। 

परिक्षण 

18 दिसंबर 2009 को भारत ने बंगाल की खाड़ी मैं ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल का सफलतापूर्वक परिक्षण किया। इस मिसाइल का निर्माण भारत और रूस के सयुक्त सैन्य उपक्रम ने किया है। 

22 नवंबर 2017 को भारतीय वायुसेना ने 30 सुखोई सुपरसोनिक विमानों ने ब्रह्मोस का सफल प्रक्षेपण किया। 


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